मासिक साधना उपयोगी तिथियाँ

व्रत त्योहार और महत्वपूर्ण तिथियाँ

25 फरवरी - माघी पूर्णिमा
03 मार्च - रविवारी सप्तमी (शाम 06:19 से 04 मार्च सूर्योदय तक )
06 मार्च -
व्यतिपात योग (दोपहर 14:58 से 07 मार्च दिन 12:02 मिनट तक)
08 मार्च - विजया एकादशी (यह त्रि स्पृशा एकादशी है )
09 मार्च - शनि प्रदोष व्रत
10 मार्च - महा शिवरात्री (निशीथ काल मध्यरात्री 12:24 से 01:13 तक )
11 मार्च - सोमवती अमावस्या (
सूर्योदय से रात्री 1:23 तक )
11 मार्च - द्वापर युगादी तिथि
14 मार्च - षडशीति संक्रांति (पुण्यकाल शाम 4:58 से
सूर्योदय तक)
19 मार्च - होलाष्टक प्रारम्भ
20 मार्च - बुधवारी अष्टमी (
सूर्योदय से दोपहर 12:12 तक)
23 मार्च - आमलकी एकादशी
24 मार्च - प्रदोष व्रत
26 मार्च - होलिका दहन
27 मार्च - धुलेंडी , चैतन्य महाप्रभु जयंती
29 मार्च - संत तुकाराम द्वितीय
30 मार्च - छत्रपति शिवाजी जयन्ती

सोमवार, 19 सितंबर 2011

आठ पापों का घड़ा...........


एक बार कवि कालिदास बाजार में घूमने निकले। एक महिला घड़ा और कुछ कटोरियाँ लेकर बैठी थी ग्राहकों के इंतजार में । कविराज को कौतूहल हुआ कि यह महिला क्या बेचती है ! पास जाकर पूछाः

"बहन ! तुम क्या बेचती हो ?"

"मैं पाप बेचती हूँ। मैं स्वयं लोगों से कहती हूँ कि मेरे पास पाप हैं, मर्जी हो तो ले लो। फिर भी लोग चाहपूर्वक पाप ले जाते हैं।" महिला ने कुछ अजीब सी बात कही। कालिदास उलझन में पड़ गये। पूछाः

"घड़े में कोई पाप होता है ?"

"हाँ... हाँ.... होता है, जरूर होता है। देखो जी, मेरे इस घड़े में आठ पाप भरे हुए हैं: बुद्धिनाश, पागलपन, लड़ाई-झगड़े, बेहोशी, विवेक का नाश, सदगुण का नाश, सुखों का अन्त और नरक में ले जाने वाले तमाम दुष्कृत्य।"

"अरे बहन ! इतने सारे पाप बताती है, तो आखिर है क्या तेरे घड़े में ? स्पष्टता से बता तो कुछ समझ में आवे।" कालिदास की उत्सुकता बढ़ रही थी।

वह महिला बोलीः "शराब ! शराब !! शराब !!! यह शराब ही उन सब पापों की जननी है। जो शराब पीता है वह उन आठों पापों का शिकार बनता है।"

कालिदास उस महिला की चतुराई पर खुश हो गये।


स्रोत:- आश्रम से प्रकाशित पुस्तक "सामर्थ्य स्रोत" से लिया गया प्रसंग..

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